रुपिंदर 2007 में हेयर-ड्रेसिंग और मेक-अप की पढ़ाई करने के लिए एक वीज़ा पर भारत से ऑस्ट्रेलिया आई थीं, लेकिन उनके करियर को विपरीत दिशा में जाने में ज़्यादा दिन नहीं लगे।
उनको वृद्ध देखभाल क्षेत्र में एक अक्षमता सहायता कर्मचारी का काम मिला, जिसके कारण उन्हें सीधा मानसिक स्वास्थ्य नर्सिंग के पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा (Postgraduate Diploma of Mental Health Nursing) में प्रवेश मिल गया। अब वो एक फोरेंसिक हैल्थ नर्स के रूप में काम करती हैं।
रुपिंदर ने वर्णन करते हुए कहा कि “मैं बड़े-बड़े सपने लेकर ऑस्ट्रेलिया आई थी”। “जब मैं एक युनिवर्सिटी में छात्रा थी, तब से ही मैं स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की संभावनाएँ तलाशना चाहती थी।”
रुपिंदर को स्किल्ड माइग्रेशन का मार्ग विक्टोरिया के ग्रामीण क्षेत्र में रहने और काम करने के ज़रिए मिला था, जहाँ धीमी-गति की जीवन-शैली नौकरी और जीवन के बीच संतुलन उपलब्ध करवाती है और उन्हें अपने छोटे से परिवार के साथ और ज़्यादा समय बिताने का अवसर देती है।
रुपिंदर ने कहा कि “मैं और मेरा परिवार वास्तव में आनंद उठाते हैं।” “मेरी दो छोटी बेटियाँ बहुत ही आभारी हैं।” “वो कहती हैं, मम्मा, मम्मा, बहुत-बहुत धन्यवाद, आपके पास हमारे लिए और ज़्यादा समय है।”
हाँलाकि शुरु-शुरु में ग्रामीण विक्टोरिया में जाकर रहने में मुश्किलें आई थीं, रुपिंदर ने कहा कि उनको अपने साथी कर्मचारी और स्थानीय समुदाय बहुत ही विनम्र लगे और उनकी कई लोगों से दोस्ती हो गई है।
“शुरु-शुरु में मैं अपने साथी कर्मचारियों से बात करते हुए कहती थी कि मुझे बहुत अकेलापन महसूस होता है या मुझे घर की याद आती है, और वे कहते थे, ‘चिंता की कोई बात नहीं है, हम आपके दोस्त हैं, हमारे साथ बाहर घूमने चला करो”‘, उन्होंने कहा।
रुपिंदर के लिए ऑस्ट्रेलिया माइग्रेट करना बहुत ही सुखद रहा, निजी और प्रोफेशनल दोनों ही रूप से, और उन्होंने कहा कि वो दूसरों को भी ऐसा ही करने के लिए प्रेरित करेंगी।
“लोगों को इसके लिए कोशिश करनी चाहिए,” उन्होंने कहा। “मुझे अच्छा लगता है और मैंने अपने आप को स्थापित कर लिया है।”
यदि आप एक स्किल्ड कर्मचारी हैं, तो चतुराई भरा कदम उठाएँ और ऑस्ट्रेलिया को चुनें।
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